शेयर बाजार आखिर है क्या? बाजार बोले तो किराना बाजार, मछली बाजार, कपडा बाजार तो समझ में आता है , जहां खरीदने वाले और बेचने वाले इकट्ठे होकर, चीजों या सेवाओं की खरीद-फरोख्त करते हैं। जैसे फल बाजार में फल बिकते हैं, जैसे हर शहर में चौराहों पर सुबह-सुबह मजदूर बिकते हैं या और भी बहुत कुछ, उसी तरह शेयर बाजार भी बाजार ही है, लेकिन कुछ खास, और बाजारों से कुछ अलग किस्म का।
सीधे कहा जाए, तो शेयर बाजार एक ऐसी जगह है, जहां कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है। भारत में अंग्रेजों के जमाने में शेयर बाजार शुरू हुआ था, और पहले शेयर एक पेड के नीचे मजमा लगाकर बेचे जाते थे। बाद में यह ट्रेडिंग रिंग के रूप में बदला, जिसमें ब्रोकर यानी दलाल लोग इकट्ठे होकर शेयर बेचते थे। अब यह अत्याधुनिक कंप्यूटर प्रणाली से लैस तेज गति की व्यवस्था है, जिसमें एक साथ लाखों खरीददार और विक्रेता, दूरसंचार व्यवस्थाओं के जरिए केंद्रीय कंप्यूटर से जुडते हैं। खरीदने-बेचने वाले ये लोग इंटरनेट सुविधा वाले अपने कंप्यूटर या ब्रोकर के कंप्यूटर के जरिए अपने आर्डर को शेयर बाजार में दर्ज कराते हैं और खरीदे-बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या और कीमत का मिलान केंद्रीय कंप्यूटर से होते ही सौदा दर्ज हो जाता है। पूरी प्रक्रिया में आर्डर केंद्रीय कंप्*यूटर को भेजा जाता है, उसका कन्फर्मेशन होता है, सौदा तय होता है और उसका निबटान होता है। यह सारी प्रक्रिया सेकेंडों में पूरी हो जाती है।
बाजार का खास पहलू है उस कीमत की खोज, जिस पर सौदा तय हो सके। बेचने वाला ज्यादा से ज्यादा कीमत चाहता है और खरीदने वाला कम से कम में खरीदना चाहता है। यह सौदेबाजी जब समान कीमत पर पहुंचती है तभी सौदा तय होता है। चूंकि शेयर बाजार में एक साथ बहुत भारी तादाद में खरीददार-विक्रेताओं का आपसी सम्पर्क होता है इसलिए सौदे भी भारी तादाद में फटाफट पूरे होते हैं।
शेयर बाजार में शेयर बिकते हैं। शेयर क्या हैं? शेयर का मतलब है हिस्सा। किसी कंपनी का शेयर लेने का मतलब है उस कंपनी में आपने हिस्सेदारी ले ली। एक लाख शेयर वाली किसी कंपनी के दस हजार शेयर खरीदकर आप उस कंपनी के दसवें हिस्से के मालिक बन जाते हैं। उद्यमी और बिजनेसमैन, जो कोई कारोबार खडा करना या बढाना चाहते हैं, वे योजना बनाते हैं कि वे नई कंपनी शुरू करके या पुराना कारोबार बढा़कर ढेर सारा पैसा बना सकते हैं। लेकिन उनके पास इतनी काफी पूंजी नहीं होती कि वे बाहर से पैसा लिए बिना अपनी पूरी योजना को लागू कर सकें। तब निवेशक आगे आता है और कंपनी के शेयर यानी हिस्सेदारी खरीदकर उद्यमी को पूंजी मुहैया कराता है।
आम जनता को शुरुआती शेयर खरीदने के प्रस्ताव IPO (Initial Public Offer) के जरिए दिए जाते हैं। अब, जो निवेशक IPO में शेयर खरीद लेता है, वह अनन्तकाल तक तो शेयर अपने पास रखना चाहेगा नहीं। उसकी अपनी दूसरी जरूरतें हो सकती हैं या किसी और कंपनी में पैसा लगाने के लिए वह अपना पैसा खाली करना चाहता है। लेकिन कंपनी तो उसका पैसा इतनी जल्दी लौटा नहीं सकती, क्योंकि उगाहे गए पैसे को कंपनी ने कारोबार की ठोस चीजों, जैसे मशीनरी, जमीन, इमारत निर्माण आदि में लगा दिया होता है जिसे चाहकर भी तत्काल खाली नहीं किया जा सकता। ऐसे में शेयर बाजार वो प्लेटफार्म मुहैया कराता है जिसे Secondary Market यानी दूसरे दर्जे का बाजार कहते हैं। इस बाजार में निवेशकों के बीच लिस्टेड यानी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है और ऐसी कई हजार कंपनियों के लाखों-करोडों शेयर रोज खरीदे-बेचे जाते हैं।
शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पडता है, जिसके तहत कंपनी अपनी हर हरकत की जानकारी बाजार को समय-समय पर देती रहती है, खासकर ऐसी जानकारियां, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कंपनी का मूल्यांकन होता है और इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते के नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे डीलिस्ट किया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है जिसके लिए सरकार ने सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड - SEBI) जैसी ताकतवर संस्थाए को कानूनी अधिकार देकर निवेशकों के हित में सक्षम बनाया है।
मामूली, अनजान सी कंपनियों में निवेश करने की तुलना में जानी-मानी, बडी और मजबूत कंपनी को निवेश के लिए चुनना हमेशा ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
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5 years ago
6 comments: on "क्या है शेयर बाजार?"
its a nice article on share market....it has made me understd the whole workin of share mkt. but it cud hv been better if it were in english....THANKS
hello share M me bhi share Mareketing kerna chahta hu plz help us thank you
सब कुछ तो समझ में आ गया लगता है कुछ जो रह गया है वो शेयर बाजार मै पैसा लगाने से ही मालूम पड़ेगा
it's nice.
tell me also about FPO.
शेयर बाजार hum ko peha le kya kar na pade ga kya koi bank account open kar na par ta hai hum ar kit ne kam rs ka शेयर lesak te hai kam se kam paisa bole ga pls
secondary market is best for investors
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